वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१२ अक्टूबर, २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />शून्य मरे, अजपा मरे, अनहद हूँ मरी जाय।<br />राम सनेही ना मरे, कहे कबीर समझाय॥<br /><br />प्रसंग:<br />वास्तविक रूप से अमर होने का क्या अर्थ है?<br />मृत्यु क्यों सताती है?<br />अमरता को कैसे प्राप्त हों?<br />मृत्यु से अमरता का रास्ता क्या है?<br />संत अमरपुर जाने की बात क्यों करते हैं?<br />अनहद का क्या अर्थ है?<br />समय का रूकना से क्या आशय है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते